December 14, 2024
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जालंधर, (वरिंदर शर्मा): 27 मई को विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस है इसी के उपलक्ष्य मे एनएचएस अस्पताल 26 मई को, सिंगल स्पेशलिटी वाले अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर के लिए लेकर आया है एक ऐसा साइंटिफिक प्रोग्राम, जो इमरजेंसी देखभाल में मरीजों की सुरक्षा को बिलकुल नए स्तर पर ले जाएगा!
26 मई 2024 को सुबह 9 बजे से एनएचएस अस्पताल के ऑडिटोरियम में होने वाले इस कार्यक्रम में आप सीखेंगे की मरीज की सुरक्षा में सुधार कैसा किया जाएगा |
ये कार्यक्रम सिर्फ सिंगल स्पेशलिटी अस्पतालों के डॉक्टरों लिए ही क्यों खास है?
एन. एच. एस अस्पताल, के डयरेक्टर्स, डॉ. नवीन चितकारा ( न्यूरोसर्जन ), डॉ. शुभांग अग्रवाल ( ऑर्थोपेडिक), डॉ. संदीप गोयल (न्यूरोलॉजिस्ट) सहित एनएचएस अस्पताल के अन्य डॉक्टर डॉ नरेंदर पॉल ( जनरल सर्जन) डॉ. विनीत महाजन (पल्मोनरी मेडिसिन), डॉ. साहिल सारेन (कार्डियोलॉजिस्ट) डॉ सुरभि महाजन ( न्यूरोलॉजिस्ट), डॉ पुनीत बाली ( पीडियाट्रिशियन), डॉ ईशा ( गयनेकोलॉजिस्ट) आपका मार्गदर्शन करेंगे!
कार्यक्रम में शामिल होंगे विशेष अतिथि:
• डॉ. एसपीएस सूच, सदस्य, पीएमसी
• डॉ. रमन शर्मा, उप निदेशक, स्वास्थ्य, पंजाब
• डॉ. जगदीप चावला, सिविल सर्जन, जालंधर

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं:
• इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों में मरीजों को कैसे संभालें, उनके लिए सही निर्णय कैसे लें, ये सिखाएंगे हमारे देश के जाने-माने विशेषज्ञ।
• मुश्किल परिस्थितियों से निपटने के लिए अनुभवी डॉक्टरों से सीखें ।
• दशकों के अनुभव वाले डॉक्टरों का पैनल आपसे इमरजेंसी देखभाल के गुर साझा करेगा।
• हमारे विशेषज्ञों द्वारा आयोजित BLS (बेसिक लाइफ सपोर्ट) वर्कशॉप में सीपीआर समेत जीवन रक्षक तकनीक सीखने का अच्छा मौका!
• साथी डॉक्टरों के साथ नेटवर्किंग का अच्छा अवसर।

सी.ए.एच.ओ (मान्यता प्राप्त अस्पताल संगठनों का संघ), रोगी सुरक्षा और गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में एक अग्रणी संगठन रोगी सुरक्षा को बढ़ावा देने में एक बेंचमार्क संगठन बनने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। संगठन विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के माध्यम से हजारों स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को सशक्त बना रहा है।

एनएचएस अस्पताल हमेशा से सर्वोत्तम इलाज और आधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। अब हम इमरजेंसी देखभाल में भी क्रांति लाने के लिए तैयार हैं। इस कार्यक्रम में शामिल होकर आप न सिर्फ अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे, बल्कि इमरजेंसी में मरीजों के लिए जीवनरक्षक बनने का संकल्प भी लें।